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    गर्भ कैसे ठहरता है ? गर्भधारण की प्रक्रिया क्या है?( Garbh kese thaharta hai? Garbhadhan ki prakriya kya hai ?)-

    गर्भ कैसे ठहरता है ? गर्भधारण की प्रक्रिया क्या है?( Garbh kese thaharta hai? Garbhadhan ki prakriya kya hai ?)-
               गर्भ ठहरने की प्रक्रिया को समझने से पहले स्त्री के प्रजनन अंगो के बारे में जान लेना आवश्यक है !!
                स्त्री के प्रजनन अंगो को 4 भागों में बाटा गया है ,
    @ ओवरी
    @ डिंबवाहिनी नली
    @ गर्भाशय
    @ योनि



                 ओवरी बादाम के आकार की दो ग्रन्थियां होती है! इन्ही ओवरी में लगभग 4 लाख जीवित अंडे होते है !!इन्ही अन्डो से मनुष्य का जन्म होता है !! किशोरावस्था आने पर ये अंडे पकने लगते है !!
    प्रथम मासिक धर्म आने पर सारे प्रजनन अंग सचेत हो जाते है ,और स्त्री गर्भधारण के लिए तैयार हो जाती है!!
    ओवरी में एक साथ कई अंडे पकने लगते है !जिनमे से एक ही अंडा बाहर आता है ,बाकी सब ख़राब हो जाते है !!
    मासिक धर्म के बाद ये अंडा ओवरी में ही अपनी छोटी सी पुटिका में बन्द रहता है ,और उसी में बढ़ता है उसके बाद ये ओवरी में उभर कर छोटा सा छाला बन कर दीखता है !! पक जाने पर यह पुटिका फट जाती है ,और अंडा ओवरी से अलग हो जाता है !!
                प्रत्येक ओवरी के निकट ऊपर की और मांस की एक पतली नली होती है !!यह लगभग साढे पांच इंच लंबी होती है ,इसे डिंबवाहिनी नली या फेलोपिन ट्यूब कहते है !!
    इस नली का एक सिरा ओवरी के पास होता है जिसमे बारीक़ रेशे लटकते रहते है, और दूसरा सिरा गर्भाशय के ऊपर की और दोनों तरफ जुड़ा होता है !!
                जब अंडा ओवरी से बाहर निकलता है उसे डिंबवाहिनी नली के रेशे जकड लेते है ,और अंदर की तरफ धकेल देते है, डिंबवाहिनी नली से होकर गुजरने में अंडे को 3-6 दिन का समय लगता है !!
                 जब अंडा ओवरी से बाहर निकलता है स्त्री की कामवासना बढ़ती है इसे  ऒवेल्यूशन प्रक्रिया कहते है !!  और उसी समय में यदि स्त्री किसी पुरुष से सम्भोग करती है तो पुरुष के वीर्य में स्थित शुक्राणु गर्भाशय में पहुच कर अंडे से समागम कर लेता है !! अब गर्भाशय में अंडा एक सुरक्षित स्थान पर बैठ जाता है ,जिसे गर्भाधान या फर्टीलाईजेशन कहते है !!
                शुक्राणु को योनि से गर्भाशय तक पहुचने में 1 से 2 दिन का समय लग जाता है ,ये बहुत ही छोटे होते है ! योनि में उपस्थित चिकनाई इनको आगे बढ़ने में सहायता करती है !! वीर्य के साथ हजारों शुक्राणु योनि में प्रवेश करते है,परन्तु अंडे तक 1 या 2 ही शुक्राणु पहुच पाते है ,बाकि सरे रास्ते में ही मर जाते है!!
                 और जब गर्भाधान की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है ,ओवरी से अंडे बाहर आना भी बंद हो जाते है ,और ना ही शुक्राणु अंदर जाते है !!गर्भाशय का मुह बन्द हो जाता है और अंदर बच्चा बनने की प्रक्रिया चलती रहती है !! और 9 महीने बाद जब बच्चे के गर्भ से बाहर आने का समय होता है ,गर्भाशय का मुह खुल जाता है ,और बच्चा गर्भ से बाहर आ जाता है !!
          ये होती है गर्भाधान की प्रक्रिया !


    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।


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