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    मा के स्तन मे दूध नही आने के कारण और उपाये ( maa ke stan me dudh nahi aane me Karan or upaye )-

    मा के स्तन मे दूध नही आने के कारण और उपाये ( maa ke stan me dudh nahi aane me Karan or upaye )-


                  आधुनिक खान पान और जीवन शैली के कारण मा के स्तन मे दूध ना आने जेसी समस्या आम हो गई है ! आज कल माहिलाये व्यस्त रहती है औफिस और काम मे जिस कारण तनाव और डिप्रेशन मे भी रहती है जिससे दूध का कम होना आम है!

                     नवजात शिशु में पाचन तन्त्र बहुत नाजुक होता है और उसमें अभी भी विकास चल ही रहा होता है। माँ का दूध, बच्चे के पाचन के अनुसार ही होता है और आसानी से पच जाता है। इस दूध में बहुत से पोषक तत्व होते हैं जो
    की पशुओं के दूध और फार्मूला मिल्क में नहीं होते। इसके अतिरिक्त यह शरीर के तापमान पर होता है और बच्चे के सीधे मुंह में जाता है। बच्चा अपनी भूख के अनुसार यह दूध
    पी लेता है और फिर सो जाता है। सोते समय बच्चे की शक्ति बचती है और उसमें अन्य विकास जारी रहते हैं।
                          कुछ मामलों में यह देखा जाता है कि डिलीवरी के बाद
    माता के स्तनों में दूध नहीं उतरता या अपर्याप्त मात्रा में उतरता है। दूध न मिलने से बच्चा भूखा रहता है और रोता रहता है। बाहरी दूध देने से बच्चे में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।




    @ माताओं के स्तनो मे दूध की कमी के कारण -

    1.  उपवास करना
    2. खून की कमी
    3. होर्मोन कॉण्ट्रासेप्टिव का प्रयोग
    4. बार-बार दूध न पिलाना
    5. तनाव, दुखी रहना
    6. ब्रेस्ट सर्जरी
    7. कोल्ड-फ्लू, तथा अन्य दवाओं का सेवन
    8. बहुत क्रोध करना
    9. वात्सल्य की कमी
    10. कमजोरी
    11.  हॉर्मोन की कमी
    12.थाइरोइड लेवल कम या ज्यादा होना

    @ दुग्धवर्धन के लिए घरेलू उपचार Home
    Remedies-

                       यदि माता को ऐसा लगे की दूध की मात्रा कम है तो उसे खाने-पीने और हर्बल औषधियों के माध्यम से दूध के उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
    जितनी बार हो सके बच्चे को दूध पिलाना चाहिए जिससे दूध बनना स्टीमुलेट हो सके। निपप्ल्स को साफ़ रखना चाहिए और बच्चे को ठीक से गोदी में लेकर बैठ कर दूध पिलाना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए बच्चा दिन में कई बार पेशाब करे और ठीक मोशन करे।

    दूध की मात्रा बढ़ाने में उपयोगी हैं-

    @ सौंफ चबा कर खाएं

    @ सौंफ + जीरा + मिश्री , को अलग-अलग पीस का
    चूर्ण बना ले। इसे बराबर मात्रा में मिलें और दिन में
    दो बार, सुबह और शाम एक चम्मच की मात्रा में दूध
    के साथ दें।

    @ शतावरी का चूर्ण, 1 चम्मच की मात्रा में सुबह-
    शाम गर्म दूध में चीनी मिलाकर सेवन करें।

    @ जीरे का चूर्ण ground cumin seeds in grinder to
    make a powder बनाकर रख लें और दिन में दो-तीन
    बार एक टी स्पून की मात्रा में खाएं और पानी
    पी लें।

    @ मेथी दाना को अंकुरित करके खाएं या पीस कर
    चूर्ण बना लें और दूध में एक चम्मच मिलाकर पिए।
    ऐसा दिन में तीन बार करें।

    @ तिल को अच्छी तरह चबाकर एक चम्मच की
    मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें।

    @ चुकंदर, पका पपीता, गाजर, अंगूर, अनार , उरद आदि
    का सेवन करें।

    @ दूध में सोंठ डाल आकर उबाल लें और पियें।

    @ किशमिश को दूध में उबाल कर खाएं।

    @ बच्चा जब भी भूख से रोये उसे दूध पिलायें जिससे
    ब्रेस्ट खाली हो जाएँ जिससे और दूध बने।

    @ लहसुन, जीरा, सिंघाड़ा, सुंफ़सौंफ आदि को
    भोजन में शामिल करें।

    @ दूध पिलाने से पहले ब्रेस्ट पर गर्म सेंक करें जिससे खून
    का दौरा ठीक हो।

    @ कैस्टर आयल से ब्रेस्ट मसाज करें।
    माँ का दूध बढ़ाने में उपयोगी आयुर्वेदिक
    दवाएं

    @ पानी सही मात्रा में पियें।

    @ पौष्टिक भोजन करें।

    @ दूध पियें और मेवे खाएं

    @ तुलसी:-
                 तुलसी के सेवन करने से न केवल बीमारियां ठीक हो जाती है बल्कि यह स्तन क दूध को बढ़ाने में भी मददगार होता है। इसके
    अंदर विटामिन क की मात्र अधिक पायी जाती है। आप इसको सूप म या कच्चे शहद के साथ भी खा सकते है।

    @ करेला:-
                    करेला में विटामिन और मिनरल अच्छी मात्रा में पाये जाते है। इससे स्तन का दूध बढ़ने की क्षमता बढ़ जाती है। करेला बनाते
    वक़्त हलके मसालों का उपयोग करना चाहिए, जिससे यह आसानी से हजम हो सके और आप स्वस्थ रह सके।

    @ लहसुन:-
                  लहसुन खाने से भी दूध बढ़ाने की क्षमता बढ़ जाती है। कच्चा लहसुन खाने से जगह आप इसको मीट, करी, सब्जी या दाल मेंडाल कर पकाये। अगर आप लहसुन को रोज़ाना खाना शुरू करेगी
    तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।

    @ दूध के बने प्रोडक्ट:-

                       ऐसी चर्बी जो की घी, बटर या तेल से मिलती हो वह स्तन के दूध बढ़ाने में बहुत लाभदायक है। यह शरीर को बहुत शक्ति प्रदान
    करती है। आप चाहे तो इन्हे चावल या रोटी के साथ भी उपयोग
    कर सकती है।

    @ सुवा-
                 सुवा के पत्ते आयरन, मैग्निशियम और कैल्श्यिम का अच्छा स्त्रोत हैं। माना जाता है कि सुवा स्तन दूध आपूर्ति में सुधार, पाचन क्रिया व वात में आराम और नींद में सुधार करता है। सुवा हल्का मूत्रवर्धक भी होता है, इसलिए इसका सीमित सेवन किया जाना चाहिए।
                 आप सुवा के बीज साबुत या उन्हें पीस कर अचार, सलाद, चीज़ स्प्रेड और तरी या सालन में डाल सकती
    हैं। सुवा की चाय प्रसव के बाद दिया जाने वाला एक लोकप्रिय पेय है।

    @ लौकी व तोरी जैसी सब्जियां-
                         पारंपरिक तौर पर माना जाता है कि लौकी, टिंडा और तोरी जैसी एक ही वर्ग की सब्जियां स्तन दूध की आपूर्ति सुधारने में मदद करती हैं। ये सभी सब्जियां न केवल पौष्टिक एवं कम कैलोरी वाली हैं, बल्कि ये आसानी से पच भी जाती हैं।

    @ दालें व दलहनें-
                        दालें, विशेषकर कि मसूर दाल, न केवल स्तन दूध की आपूर्ति बढ़ाने में सहायक मानी जाती हैं, बल्कि ये प्रोटीन का भी अच्छा स्त्रोत होती हैं। इनमें आयरन और फाइबर भी उच्च मात्रा में होता है।

    @ जई और दलिया-
                        जई आयरन, कैल्शियम, फाइबर और बी विटामिन का
    बेहतरीन स्त्रोत होता है और स्तनपान कराने वाली
    मांओं के बीच ये काफी लोकप्रिय है। पारंपरिक तौर
    पर जई को चिंता व अवसाद कम करने में सहायक माना
    जाता है।


    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।



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