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    बाँझपन और इसका सफ़ल इलाज(bhanjhpan or iska safaltam ilaj)-

    बाँझपन और इसका सफ़ल इलाज(bhanjhpan or iska safaltam ilaj)-
     
                   मनुष्यों में एक वर्ष तक प्रयास करते रहने के बाद अगर
    गर्भधारण नहीं होता तो उसे बन्ध्यता या
    अनुर्वरता कहते हैं। यह केवल स्त्री के कारण
    नहीं होती। केवल एक तिहाई मामलों
    में अनुर्वरता स्त्री के कारण होती
    है। दूसरे एक तिहाई में पुरूष के कारण होती है।
    शेष एक तिहाई में स्त्री और पुरुष के मिले जुले
    कारणों से या अज्ञात कारणों से होती है।
    बांझपन, प्रजनन प्रणाली की एक
    बीमारी है जिसके कारण
    किसी महिला के गर्भधारण में विकृति आ
    जाती है। गर्भधारण एक जटिल प्रक्रिया है जो कई
    बातों पर निर्भर करती है- पुरुष द्वारा स्वस्थ
    शुक्राणु तथा महिला द्वारा स्वस्थ अंडों का उत्पादन, अबाधित गर्भ
    नलिकाएं ताकि शुक्राणु बिना किसी रुकावट के अंडों तक
    पहुंच सके, मिलने के बाद अंडों को निषेचित करने की
    शुक्राणु की क्षमता, निषेचित अंडे की
    महिला के गर्भाशय में स्थापित होने की क्षमता तथा
    गर्भाशय की स्थिति।
    अंत में गर्भ के पूरी अवधि तक जारी
    रखने के लिए गर्भाशय का स्वस्थ होना और भ्रूण के विकास के
    लिए महिला के हारमोन का अनुकूल होना जरूरी है।
    इनमें से किसी एक में विकृति आने का परिणाम
    बांझपन हो सकता है।
    बांझपन क्यों होता है ?
    पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी का सबसे सामान्य
    कारण शुक्राणु का कम या नहीं होना है।
    कभी-कभी शुक्राणु का गड़बड़ होना या
    अंडों तक पहुंचने से पहले ही उसका मर जाना
    भी एक कारण होता है। महिलाओं में बांझपन का
    सबसे सामान्य कारण मासिक-चक्र में गड़बड़ी है।
    इसके अलावा गर्भ-नलिकाओं का बंद होना, गर्भाशय में विकृति या
    जननांग में गड़बड़ी के कारण भी
    अक्सर गर्भपात हो सकता है।
    बाँझपन के मुख्य कारण
    पुरूष के सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं जीवन
    शैली का प्रभाव शुक्राणुओं की
    संख्या और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। जिन
    चीज़ों से शुक्राणुओं की संख्या और
    गुणवत्ता घटती है !
    अंडे की गुणवत्ता
    अवरुद्ध अण्डवाही ट्यूबें
    असामान्य हार्मोन के स्तर
    जीवन शैली
    यौन संचारित रोग
    मोटापा
    शुक्राणु बनने की समस्य – बहुत कम शुक्राणू
    या बिलकुल नहीं।
    मदिरा, ड्रग्स एवं सिगरेट पीना
    वातावरण का विषैलापन जैसे कीटनाशक दवाएं
    Tips----
    इस अभिशाप को दूर करने के लिये कुछ घरेलु उपाय यहा बताये
    रहे है।
    १.सफेद आक कि जड़ को छाया में सुखाकर महीन
    पीस कर १-२ ग्राम कि मात्रा में २५० ग्राम
    गाय के दूध के साथ सेवन करावे। शीतल पदार्थो का
    पथ्य दे।
    इससे बंद ट्यूब व नाड़ियो खुलती है व मासिक
    धर्मं व गर्भाशय कि गाठों में लाभ मिलता है।
    नोट :आक का पौधा विसेला होता है इसलिए इसका उपयोग
    सावधानी व चिकित्सक कि देखरेख में किया जाना
    चाहिए।
    २. गोखरू के फल चूर्ण कि 10-20 ग्राम तक कि
    फांकी देने से स्त्रियों में बाँझपन मिटता है।


    गर्भधारण न कर पाने की समस्या
    बदलती जीवनशैली
    और भाग दौड़ भरी दिनचर्या के बीच
    एक नयी समस्या समाज में अपनी
    पकड़ मजबूत करती जा रही है।
    यह है फर्टिलिटी की समस्या,
    जिसके कारण अनेक दंपती जीवन के
    एक सबसे बड़े सुख को भोगने से वंचित रह जाते हैं। गर्भधारण
    न कर पाने के कई कारण हो सकते है। चलिए इस लेख के माध्यम
    से हम आपको बताते हैं कि क्या और क्यों होती है
    गर्भधारण कर पाने में समस्याएं।
    अक्सर ऐसा मान लिया जाता है अगर विवाह के एक वर्ष के
    भीतर महिला गर्भवती
    नहीं होती तो उसमें या उसके पति में
    उर्वरता या फर्टिलिटी की समस्या हो
    सकती है। लेकिन आजकल कई कारणों से संतान
    की ज़िम्मेदारी उठाने से पहले पति
    पत्नि गर्भनिरोधक तरीके अपनाकर एक दो वर्ष
    तक बच्चे के जन्म को टाल देते हैं।
    ऐसा करना गलत भी नहीं है।
    इसिलिए एक दो वर्षों तक या कुछेक मामलों में दो चार वर्षों तक
    बच्चे के बारे में न तो कोई उनसे कुछ कहता है ना
    ही कोई कुछ पूछता है, लेकिन उसके बाद उनके
    घरवाले उनपर लगातार जोर डालते जाते हैं कि वे जल्द से जल्द
    एक बच्चा पैदा करें और वंश को आगे बढ़ाएं।
    इसके अलावा, आस-पड़ोस में तानेबाज़ी और अलग
    अलग संशय पैदा होते हैं और बेफिजूल की बातें
    शुरू हो जाती हैं कि कहीं पत्नि बांझ
    तो नहीं, या पति के पुरुषत्व में कोई समस्या तो
    नहीं। हालांकि बड़े शहरों में इन बातो पर ज्यादा
    ध्यान नहीं दिया जाता है क्योंकि सभी
    जानते हैं की शहरी लोग कई सालों
    तक परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाये रहते हैं
    जिसके कारण बच्चे का जन्म देर से होता है।
    गर्भधारण न कर पाने के कारण
    गर्भ न धारण कर पाने के अनेकों कारण हो सकते हैं। अगर
    ऊसरता या इन्फर्टीलिटी का कारण
    पुरुष पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि कहीं न
    कहीं यह समस्या पुरुष में आवश्यकता से कम
    शुक्राणुओं के निर्माण से जुड़ी है।
    वहीं दूसरा कारण यह भी हो सकता
    है कि पुरुष में शुक्राणु पर्याप्त मात्रा में निर्मित तो होते हैं, लेकिन
    वे महिला के अंडाणुओं तक पहुंच नहीं पाते हैं।
    महिला में स्त्रीबीजजनन चक्र में
    गड़बड़ी भी ऊसरता
    की बहुत बड़ी वजह
    होती है। इस गड़बड़ी के कारण
    महिला के भीतर आवश्यक अण्डों का निर्माण
    नहीं होता या फिर अण्डों के निर्माण प्रक्रिया में
    भी गड़बड़ी हो सकती
    है। वे महिलाएं जो थाईरॉइड की समस्या से गुज़र
    चुकी होती हैं, उनमे
    स्त्रीबीजजनन प्रक्रिया बाधित हो
    जाती है और उनका गर्भ धारण करना ज़रा कठिन हो
    जाता है।
    गर्भधारण न कर पाने की समस्या, गर्भाशय और
    फैलोपियन ट्यूब से भी जुडी हो
    सकती है। इन जगहों पर किसी
    भी प्रकार से हुई हानि के कारण गर्भाधान करना
    मुश्किल हो जाता है। बिना चिकित्सक की सलाह से
    प्रयोग की गई कुछ औषधियों के कारण
    भी पुरुष और महिला के शरीर पर
    प्रतिकूल असर हो सकता है, और जिससे उनमे जननक्षमता
    क्षीण हो सकती है । मदिरा के
    सेवन से भी गर्भ धारण के संयोग कम हो जाते हैं।
    महिला की उम्र भी गर्भ न धारण
    करने की बहुत बड़ी वजह बन
    सकती है। ऐसा माना जाता है कि 30 वर्ष
    की उम्र पार करने के बाद, औरत में गर्भ धारण
    करने के संयोग कम या ना के बराबर हो जाते हैं। और यह
    समस्या अधिक गंभीर हो सकती है
    अगर वो 35 वर्ष की उम्र पार कर
    लेती है। इनमे से अधिकतर महिलाएं गर्भ धारण
    करने के वैकल्पिक तरीकों की
    सहायता लेती हैं। कभी कभार पुरुष
    और महिला में ऊसरता के उचित कारण निर्धारित करना कठिन होता
    है । ऐसे मामलों में उन्हें प्रयास ज़ारी रखने
    की सलाह दी जाती है,
    और साथ में उन्हें इन विट्रो निषेचन की सलाह
    भी दी जाती है (इस
    प्रक्रिया के द्वारा अंडे को अंडाशय से हटाकर प्रयोगशाला में
    शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है और निषेचित अंडे को महिला
    के गर्भ में रखा जाता है)। ऐसा भी कई बार होता है
    कि तनाव और गलत खान पान के कारण भी
    उपजाऊपन पर विपरीत असर पड़ता है, तो पुरुष
    और महिला के लिए यह अति आवश्यक हो जाता है कि वे
    अपनी जीवन शैली का
    विश्लेषण करें और अगर ज़रुरत हो तो उसमे उचित बदलाव लाएं

    कुछ खाद्य पदार्थ गर्भधारण के लिए वर्जित होते हैं। अगर
    आप गर्भवती होना चाहती हैं तो उन
    खाद्य पदार्थों को कुछ महीनो के लिए त्यागना पड़ेगा
    जैसे कच्चा पपीता इत्यादि।
    गर्भधारण करने के लिए सही समय पर सहवास
    किया जाना भी जरुरी होता है। जिस
    चक्र में (यानि ओभूलेष्ण यानि डिंबोत्सर्जन के समय में) गर्भ
    धारण के लिए सहवास जरुरी होता है अगर उस
    समय आपने सहवास नहीं किया तो आपके
    गर्भवती होने के चांसेस न के बराबर हो जाते हैं।
    इसलिए अगर आप गर्भवती होना
    चाहती हैं तो उन दिनों सहवास करना न भूलें जिन
    दिनों आपके गर्भवती होने के चांसेस सबसे ज्यादा
    होते हैं।
    अगर आप डिप्रेशन यानि अवसाद की दवाइयां
    लेती हैं तो भी आपको गर्भधारण में
    अड़चन आ सकती है। इसलिए अगर आप
    गर्भवती होना चाहती हैं तो अपने
    चिकित्सक से मिलकर यह बात बताएं।

            आज कल कई एलोपेथिक दवाइयां मार्किट में मिलती है जिससे कुछ फायदा तो नही होता लेकिन कई तरह के साइड इफ़ेक्ट जरूर हो जाते है ।लेकिन आयुर्वेद ही एक ऐसी चिकित्सा पद्दति है जिसमे इसका सफलतम इलाज संभव हैऔर कोई साइड इफेक्ट्स भी नही होते ।

         

    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।



               त्वचा संबंधी समस्या ,बालो की समस्या,कील मुहासे,मोटापा, अन्य बिमारियों के लिये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो
    सेक्स संबंधित समस्या,लिंग का ढीलापन,शीघ्रपतन,शूक्रानु क्षिनता आदि समस्याओ की जानकारी और उनकी अयुर्वेदिक ओशधि की जानकारी के लिये यहा क्लिक करें

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    Question -
                 Hello mam mera nam dipika hai or meri shadi ko 7 sal ho gye abhi tk baccha nhi huaa koi upaye bataiye please




    Ans -
           Dipika ji aap diye gye number pr call ya whatsapp kijiye or apne bare me detail me bataiye.





    Question -
               Hii mera nam ritu hai meri shadi ko 5 year ho gye abhi tk bachha nhi huaa help kijiye



    Ans -
           Ritu ji aap diye gye number pr call ya whatsapp kijiye or apne bare me puri detail me bataiye.



    Question-
               Hello mam mera nam punam hai meri shadi ko 4 sal ho gye hai abhi tk bacha nhi huaa mujhe mere sasural wale tana dete hai log banjh kahte hai please koi upaye bataiye





    Ans -
            Punam ji ham samjh sakate hai aap ko kin kin taklifo ka samna karna pad rha hai hum puri koshish karenge aap jaldi hi maa bane. Iske liye app diye gye number pr call ya whatsapp kijiye or apne bare me puri detail me bataiye.




    Question -
              Hii mera nam gauri hai meri shadi ko 5 sal ho gye or bar bar miscarriage ho jata hai kya karu upaye bataiye

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