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    योनि में इन्फेक्शन और खुजली के उपाय



    योनि में इन्फेक्शन और खुजली के उपाय -

                  महिलाओं मे योनि संक्रमण होना आम बात है ! यह संक्रमण कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह समस्या उन महिलाओं में अधिक होती है जो यौन क्रिया में अक्सर सक्रिय रहती हैं
                     योनि संक्रमण को खमीर संक्रमण भी कहते हैं। खमीर एक तरह का फंगस होता है जो कि काफी कम मात्रा में योनि में होता है। अगर आपकी योनि में खमीर की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हो जाए तो इससे संक्रमण हो सकता है




    योनि संक्रमण के कारण -
                       
    कभी कभी एंटीबायोटिक्स लेने से भी इन जीवाणुओं में वृद्धि होती है और संक्रमण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है
            गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर, हॉर्मोन में बदलाव, मधुमेह या एड्स।

    योनि संक्रमण के लक्षण -
                             योनि में खुजली इसके सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है। अन्य लक्षणों में मूत्र विसर्जन या यौन क्रिया के समय दर्द और जलन, योनि में सूजन, पेशाब में जलन आदि

    योनि संक्रमण के उपचार-

    @ नारियल तेल से -
                    नारियल तेल योनि संक्रमण के लिए प्राकृतिक उपचारों में से एक है। इसमें प्रभावी कवकरोधी गुण होते हैं जो कि संक्रमण के लिए जिम्मेदार खमीर को मार सकते हैं
    नारियल तेल को प्रभावित क्षेत्र पर दिन में 2 या 3 बार लगाएँ, जब तक आपको सुधार दिखना शुरू ना हो जाए। आप नारियल तेल को अपने दैनिक आहार में भी शामिल कर सकते हैं। 1 चम्मच नारियल तेल को दैनिक रूप से लेना शुरू करें और धीरे-धीरे आप इसकी खुराक में वृद्धि कर सकते हैं।

    @ बोरिक एसिड –
                       बोरिक एसिड में हल्के एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण होते हैं और ये योनि के इन्फेक्शन के इलाज में कारगर है।
    बोरिक एसिड महिलाओं के लिए योनिशोथ (vaginitis) के बारम्बार होने वाले और पुराने लक्षणों के इलाज के लिए एक सुरक्षित और आर्थिक विकल्प है।
    2 कप गर्म पानी में 1 चम्मच बोरिक एसिड को मिलाएँ। कुछ मिनट के लिए योनि क्षेत्र पर यह पतला घोल लगाएँ, उसके बाद पानी से अच्छी तरह धो लें। 2 सप्ताह के लिए दिन में एक बार उपयोग करें।
    नोट: बोरिक एसिड कभी कभी योनि में जलन का कारण बन सकता है, जब आप गर्भवती हों तब यह बार बार उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

    @ दही –
         
           दही में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं और इस प्रकार दही योनि में खमीर संक्रमण को बढ़ने से रोकती है और अच्छे बैक्टीरिया का उचित संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। दैनिक रूप से 25 ग्राम दही के सेवन से कवक के निर्माण(candidal colonization) और संक्रमण में कमी आती है।
    दही में एक रुई के फाहे को डुबोएं और 2 घंटे के लिए योनि के उपर रखें। इसके बाद, गुनगुने पानी के साथ अच्छी तरह से साफ कर लें। दिन में दो बार यह उपाय करें।
    इसके अलावा, अपने आहार में दही को शामिल करें।
    नोट: एक खमीर संक्रमण के इलाज के लिए केवल सादी और बिना मीठे वाली दही का उपयोग करें। मीठी दही केवल हालत खराब करेगी।

    @ एलोवेरा –
                   एलोविरा में विटामिन, एंजाइम और अमीनो एसिड होते हैं जो कैंडिडा (एक प्रकार का खमीर) के विकास को बाधित करने में मदद करते हैं। एलोवेरा में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-इरिटेटिंग और एंटीफंगल गुण होते हैं जो कि योनि संक्रमण के नियंत्रण और उसके इलाज में मदद करते हैं।
    एलोवेरा के ताज़े पत्तों का अर्क कैण्डिडा एल्बीकैंस(Candida albicans) के विकास और रोगाणुओं के गठन को कम करने में मदद कर सकता है।
    2 बड़े चम्मच एलोवेरा जैल और 1 कप संतरे का रस या सिर्फ सादे पानी को मिलाकर एलोवेरा रस तैयार करें। कुछ दिनों के लिए दिन में एक बार एलोवेरा का रस पिएं।
    आप एलोवेरा पत्ती से जैल निकालें और दिन में कई बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं जब तक संक्रमण ठीक ना हो जाए।

    नोट: सुनिश्चित करें एलोवेरा को उपयोग करने से पहले अच्छे से धो लें। इसके अलावा, अधिक एलोविरा रस पीना गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) में असुविधा का कारण बन सकता है।

    @ सेब का सिरका –
                       सेब के सिरके में मौजूद प्राकृतिक एंजाइम योनि के पीएच को नियमित रखने में मदद करते हैं, जिससे योनि में खमीर की वृद्धि को रोकने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह पेट और योनि में प्रतिरक्षा और अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, सेब के सिरके में एसिड युक्त एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं।
    2 कप गर्म पानी में 3 बड़े चम्मच सेब के सिरके के मिलाएँ। इस घोल को योनि क्षेत्र धोने के लिए प्रयोग करें, दिन में 2 बार जब तक आपको अपनी हालत में फर्क ना दिखने लग जाए।
    सेब के सिरके और पानी को बराबर मात्रा में मिलाएं। घोल में एक रुई के फाहे को डुबोएं और 10 से 15 मिनट के लिए योनि के ऊपर रखें। उसके बाद हल्के गर्म पानी के साथ अच्छी तरह से धो लें। दिन में एक बार दोहराएँ जब तक संक्रमण भर नही जाता है।
    1 कप गर्म पानी में, 2 बड़े चम्मच सेब के सिरके के मिक्स करें। इसे कुछ दिनों के लिए दिन में दो बार पिएं।



    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।


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