सर्वाइकल केन्सर क्या है ?(cervical cancer kya hai ?)-
सर्वाइकल केन्सर क्या है ?(cervical cancer kya hai ?)-
गर्भाशय में सेल्स की अनियमित वृद्धि को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं।
महिलाओं के बच्चेदानी में 3 भाग होते हैं:- युटेरस(Utrs),
सरविक्स (Cervix) और
वजाईना (Vagina)।
Cervix, Utrs और Vagina के बीच के रास्ता को कहते है। जब कोई महिला pregnant नहीं रहती है तो इसी Cervix, के रास्ते से उन्हें periods होता है और जब कोई महिला pregnant हो जाती है तो Cervix का मुहं बंद हो जाता है, जिससे की गर्भ में शिशु safe रहता है। शिशु को जन्म देने वक़्त Cervix का मुंह खुल जाता है जिससे की शिशु का जन्म होता है !
Cervix में cancer को Cervical cancer कहते है और इसी cervical cancer जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार आज हर 10
महिलाओं में से एक महिला है। ये cancer आमतौर पर 40years या फिर इससे ज्यादा की उम्र वाली महिलाओं में पाया जाता है । cervical cancer
Human papilloma virus (HPV) के कारण होता है। HPV आधिकांश adult लोगों में पाया जाता है। जो लोग लम्बे समय तक
HPV का शिकार रहते है उन्हें cervical cancer होता है ।
ब्रेस्ट केन्सर के बाद महिलाओं मे सबसे ज्यादा होने वाला केन्सर सर्वाइकल केन्सर है !
भारत में जागरूकता की कमी,स्क्रीनिंग व इलाज की कमी की वजह से यह बीमारी जानलेवा
बनती जा रही है।
इसके इलाज(एचपीवी वैक्सीन) के बारे में
भी महिलाओं को अधिक जानकारी नहीं
होती।
वैसे तो सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले फ्लैटंड और स्क्वैम्श सेल्स की बढ़ोतरी के कारण होते है पर
कुछ मामले ग्लैंडुलर, म्युकस आदि के कारण भी होते हैं।
सर्वाइकल कैंसर की कैंसर से पहले वाली स्थिति को डिस्प्लेसिया कहा जाता है। डिस्प्लेसिया में इसका सौ प्रतिशत इलाज संभव
है।
जब यह बीमारी कैंसर का रूप ले लेती
है, तो इसे कार्कीनोमा कहते है। ऐसे वायरस के इंफेक्शन की वजह से जिससे एचपीवी (ह्यूमन
पेपीलोमा) हो जाए, तो इससे डिस्प्लेसिया और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसा इसलिए होता है जब ऐसे पार्टनर के साथ सेक्स किया है जिसने कई लोगों के साथ सेक्स किया हो। जिन महिलाओं का तंत्रिका तंत्र कमजोर होता है, साथ ही जिन महिलाओं का अंग प्रत्यारोपण हुआ हो, उन्हें
ये बीमारी होने की संभावना
रहती है। शुरुआती अवस्था में सर्वाइकल कैंसर को
लक्षणों द्वारा नहीं पहचाना जा सकता है !स्क्रीनिंग व इलाज की कमी की वजह से यह बीमारी जानलेवा बनती जा रही है। इसके इलाज(एचपीवी वैक्सीन) के बारे में
भी महिलाओं को अधिक जानकारी नहीं
होती।
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
त्वचा संबंधी समस्या ,बालो की समस्या,कील मुहासे,मोटापा, अन्य बिमारियों के लिये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो
सेक्स संबंधित समस्या,लिंग का ढीलापन,शीघ्रपतन,शूक्रानु क्षिनता आदि समस्याओ की जानकारी और उनकी अयुर्वेदिक ओशधि की जानकारी के लिये यहा क्लिक करें-
aayurvadvice.blogspot.com
onnihealhcare.blogspot.com
गर्भाशय में सेल्स की अनियमित वृद्धि को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं।
महिलाओं के बच्चेदानी में 3 भाग होते हैं:- युटेरस(Utrs),
सरविक्स (Cervix) और
वजाईना (Vagina)।
Cervix, Utrs और Vagina के बीच के रास्ता को कहते है। जब कोई महिला pregnant नहीं रहती है तो इसी Cervix, के रास्ते से उन्हें periods होता है और जब कोई महिला pregnant हो जाती है तो Cervix का मुहं बंद हो जाता है, जिससे की गर्भ में शिशु safe रहता है। शिशु को जन्म देने वक़्त Cervix का मुंह खुल जाता है जिससे की शिशु का जन्म होता है !
Cervix में cancer को Cervical cancer कहते है और इसी cervical cancer जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार आज हर 10
महिलाओं में से एक महिला है। ये cancer आमतौर पर 40years या फिर इससे ज्यादा की उम्र वाली महिलाओं में पाया जाता है । cervical cancer
Human papilloma virus (HPV) के कारण होता है। HPV आधिकांश adult लोगों में पाया जाता है। जो लोग लम्बे समय तक
HPV का शिकार रहते है उन्हें cervical cancer होता है ।
ब्रेस्ट केन्सर के बाद महिलाओं मे सबसे ज्यादा होने वाला केन्सर सर्वाइकल केन्सर है !
भारत में जागरूकता की कमी,स्क्रीनिंग व इलाज की कमी की वजह से यह बीमारी जानलेवा
बनती जा रही है।
इसके इलाज(एचपीवी वैक्सीन) के बारे में
भी महिलाओं को अधिक जानकारी नहीं
होती।
वैसे तो सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले फ्लैटंड और स्क्वैम्श सेल्स की बढ़ोतरी के कारण होते है पर
कुछ मामले ग्लैंडुलर, म्युकस आदि के कारण भी होते हैं।
सर्वाइकल कैंसर की कैंसर से पहले वाली स्थिति को डिस्प्लेसिया कहा जाता है। डिस्प्लेसिया में इसका सौ प्रतिशत इलाज संभव
है।
जब यह बीमारी कैंसर का रूप ले लेती
है, तो इसे कार्कीनोमा कहते है। ऐसे वायरस के इंफेक्शन की वजह से जिससे एचपीवी (ह्यूमन
पेपीलोमा) हो जाए, तो इससे डिस्प्लेसिया और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसा इसलिए होता है जब ऐसे पार्टनर के साथ सेक्स किया है जिसने कई लोगों के साथ सेक्स किया हो। जिन महिलाओं का तंत्रिका तंत्र कमजोर होता है, साथ ही जिन महिलाओं का अंग प्रत्यारोपण हुआ हो, उन्हें
ये बीमारी होने की संभावना
रहती है। शुरुआती अवस्था में सर्वाइकल कैंसर को
लक्षणों द्वारा नहीं पहचाना जा सकता है !स्क्रीनिंग व इलाज की कमी की वजह से यह बीमारी जानलेवा बनती जा रही है। इसके इलाज(एचपीवी वैक्सीन) के बारे में
भी महिलाओं को अधिक जानकारी नहीं
होती।
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
त्वचा संबंधी समस्या ,बालो की समस्या,कील मुहासे,मोटापा, अन्य बिमारियों के लिये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो
सेक्स संबंधित समस्या,लिंग का ढीलापन,शीघ्रपतन,शूक्रानु क्षिनता आदि समस्याओ की जानकारी और उनकी अयुर्वेदिक ओशधि की जानकारी के लिये यहा क्लिक करें-
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