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    मासिक धर्म के अलावा बीच मे होने वाले रक्त स्त्राव के कारण और उपाये(periods ke alaava bich me hone wali blooding ke karan or upaaye )-


    मासिक धर्म के अलावा बीच मे होने वाले रक्त स्त्राव के कारण और उपाये(periods ke alaava bich me hone wali blooding ke karan or upaaye )-

                           मासिक धर्म तो प्राक्रतिक प्रक्रिया है ! जो सभी महिलाओं को होती है ! परंतु कई बार निश्चित अवधी के बीच मे भी योनी से रक्त स्त्राव होने लगता है ! जो कई कारणो से हो सकता है ! कई बार इसके पीछे कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है !और यदि आपको ज्यादा परेशानी हो
    तो आपको डॉक्टर से भी पूछना चाहिए!

    मासिक धर्म के अलावा बीच मे होने वाले रक्त स्त्राव के कारण -

    @ गर्भनिरोधक उपकरण आदि के होने के कारण:-
                कई महिलाये जो अपनी वजाइना में सुरक्षा के तौर यानि गर्भावस्था को रोकने के लिए इंट्रयूटरिन डिवाइस लगवाती हैं|
    तो कभी कभी आपको ब्लीडिंग की समस्या उस वजह से भी हो सकती है| तथा ऐसी स्थिति में कोई भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए बल्कि डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता होती है| और जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा भी देना चाहिए|

    @ यू टी आई होने के कारण:-
                   यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन भी योनी से रक्त स्त्राव का एक कारण हो सकता है| इसका मतलब होता हैं जहा से मूत्र बाहर आता हैं वह
    पर संक्रमण होने के कारण आपको ये समस्या हो सकती हैं|
    यदि आपका ब्लेडर बहुत अधिक संक्रमित है तो कई बार आपको यूरिन के साथ ब्लड भी दिखाई देता है| इसमें ज्यादा डरने वाली कोई बात नहीं होती हैं|

    @ पी सी ओ एस होने के कारण:-
                        कई बार ऐसी महिलायें जो पॉलि सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से ग्रसित होती हैं| उन्हें भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं| क्योंकि उनमें हार्मोंस के उतार चढ़ाव के कारण पीरियड्स न होते हुए भी वजाइना से ब्लीडिंग होने की समस्या हो सकती है| इसीलिए आपको डॉक्टर से राय लेनी चाहिए|

    @ थायराइड होने के कारण:-
                      योनी से रक्त स्त्राव का एक  कारण एक थायराइड ग्रंथि
    का कम सक्रिय होना भी हैं| क्योंकि इसमें हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता हैं| जिससे की वजाइनल से ब्लीडिंग का
    खतरा रहते हैं| इसके लिए आपको सही ढंग से इलाज़ करना चाहिए! ताकि आपको इस समस्या से चुकारा मिल सकें!

    @ यौन संचारित रोग आदि के कारण भी हो
    सकती हैं ये समस्या:-
                        यदि आप यौन संचारित रोगों जैसे गान्रीया, च्लाम्य्डिया, एचपीवी, एच आई वी आदि से ग्रसित हैं तो आपको वजाइनल
    ब्लीडिंग हो सकती है| कई बार ज्यादा सेक्स करने की वजह से भी आपको ये समस्या हो सकती हैं| या पहिए सम्भोग करते समय
    गलत पोजीशन होने के कारण भी ये समस्या उत्त्पन्न हो सकती हैं|

    @ दवाईयां लेने के कारण:-
                     महिलाएं जो की कुछ स्ट्रांग दवाईयां जैसे गर्भ निरोधक
    गोलियाँ और ब्लड थिनर्स (रक्त को पतला करने वाली दवाईयां) आदि के का सेवन ज्यादा करती हैं| उसके कारण हार्मोंस में असंतुलन होता है, जिसके कारण रक्त बहुत पतला हो
    जाता हैं| और जिसके कारण वजाइनल ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है| इसीलिए हो सकें तो गोलियो का सेवन कम से कम करना चाहिए|

    @ गर्भावस्था होने के कारण:-
                      वजाइना से ब्लीडिंग का एक कारण गर्भावस्था भी सकती है, क्योंकि गर्भावस्था के पहले तीन महीने किसी भी महिला के
    लिए बहुत कठिन होते हैं| और कई महिलाओं को गर्भावस्था के प्रारंभिक महीनों में स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग की समस्या होती है| और यदि ये समस्या ज्यादा होती हैं तो
    आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए| फिर चाहे ये समस्या किसी भी महीने ही क्यों न हो|

    मासिक धर्म के अलावा बीच मे होने वाले रक्त स्त्राव से बचने के
    उपाय:-

    @ मूली का प्रयोग करें:-
                    मूली का इस्तेमाल भी समय से ब्लीडिंग लाने के लिए किया जाता हैं| और मूली भी हैवी ब्लीडिंग रोकने का एक असरदार
    इलाज है| इसके लये आप 2-3 मूली को पानी की सहायता से गाढ़ा सा पेस्ट बना लें| उसके बाद इसमें एक कप के बराबर बटरमिल्क डालें|
    यदि आप इस इस समस्या से बचना चाहते हैं तो
    आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं| और बेहतर और जल्द असर पाने के लिए पीरियड्स के दिनों में रोजाना इसका सेवन करें| आपको जरूर फायदा होगा|

    @ गन्ने का रस पीएं:-
                      यदि आप मासिक धर्म आने से 1-2 हफ्ते पहले से ही गन्ने का जूस पीना शुरू कर देते हैं तो ये मासिक धर्म में होने वाली समस्या से
    निजात दिलाता हैं| यह तक की यदि आप हफ्ते में दो से तीन बार इसका सेवन करते हैं तो भी अनचाही ब्लीडिंग के लिए ये एक असरदार उपाय हैं| साथ ही ये सेहत के लिए तो फायदेमंद
    होता ही है, और ये मासिक धर्म में हैवी ब्लीडिंग की समस्या भी दूर होती है|
    .
    @ एलोवेरा का इस्तेमाल करें:-
                                 ज्यादातर लोग आज तक यही जानते हैं की एलोवेरा का प्रयोग
    चेहरे या फिर स्किन से जुडी समस्या को दूर करने की जड़ी-बूटी मानते हैं| परंतु आज हम आपको बताते हैं की एलोवेरा का प्रयोग करके आप अनचाही ब्लीडिंग को भी रोक सकते हैं| इस समस्या के समाधान के लिए आप ऐलोवेरा का जूस का सेवन कर सकते हैं|
    और साथ ही ये पीरियड्स के दौरान होने वाली पेट के दर्द से जुडी समस्या का भी समाधान करता हैं|

    @ अदरक का प्रयोग करें:-
                             इस समस्या के समाधान के लिए आप सबसे पहले अदरक के टुकड़ों
    को पानी के साथ कुछ देर तक तक अच्छे से उबालें| और फिर उसमे स्वादानुसार इसमें चीनी या शहद मिलाएं| पीरियड्स के
    दौरान तीन से चार बार इसे पिएं| हैवी ब्लीडिंग के साथ अनियमित और असमय होने वाली माहवारी से भी बहुत जल्दी
    आराम मिलता हैं| साथ ही सेहत के लिए भी बहुत ही अच्छा
    होता है, और आप इसका सेवन रोजाना भी कर सकते हैं|

    @ कद्दू का सेवन करें:-
    जब भी आपको लगे आपको असमय माहवारी हो रही हैं ऐसे में आपको इस समस्या से निजात पाने के लिए कद्दू का सेवन करना
    चाहिए| और ये पीरियड्स के दौरान होने वाले हैवी ब्लीडिंग को रोकने में कद्दू खाना भी बहुत ही फायदेमंद होता है|
    इसका प्रयोग करने के लिए आप कद्दू का गूदा निकालकर उसे नॉर्मल टेम्परेचर पर थोड़ी देर के लिए रख दे, और कुछ समय बाद इसे चीनी
    मिलाकर अच्छे से पीस लें| और इस मिक्सचर को दही या दूध के साथ रोजाना पिएं थोड़े ही दिनों में आपको इसका असर दिखने लगेगा|

    @ दालचीनी का प्रयोग करें:-
                          इस समस्या के समाधान के लिए आप दालचीनी का भी प्रयोग कर सकते हैं| और हैवी पीरियड्स की प्रॉब्लम को दूर करने में भी
    दालचीनी बहुत ही असरदार हैं| इसके प्रयोग के लिए आप दालचीनी के टुकड़ों को पानी के साथ अच्छे से उबालें|और
    गुनगुना होने पर इसे पिएं| अनचाही ब्लीडिंग की समस्या के साथ ये पीरियड्स में होने वाले पेट के दर्द की समस्या से भी निजात दिलाती हैं|

    @ पपीता का इस्तेमाल करें:-
                        पपीता का प्रयोग करके आप हैवी ब्लीडिंग रोकने के लिए ही नहीं बल्कि पीरियड्स की अनियमितता को भी ठीक करने के
    लिए भी कर सकते हैं| इसके लिए रोजाना लगभग 1 कटोरी पपीता खाना चाहिए|
    पपीते में मौजूद तत्व पॉपेन एंजाइम कई सारे रोगों के इलाज में फायदेमंद है|
    ये पेट से जुडी और भी समस्या का समाधान करता है!




    आयुर्वेदिक औषधि -

    यदि माहवारी के समय अधिक दर्द हो तो रज:प्रवर्तनी वटी,महायोगराज गुगल दोनो मे से 2-2 गोली और दशमूल क्वाथ 4 चम्मच 4 चम्मच पानी मे मिला कर लेना है !

    यदि माहवारी अधिक आये तो रज:प्रवर्तनी वटी और कन्यालोहादी वटी 2-2 गोली दात से तोड़ कर पानी के साथ एवं अशोकारिष्ठ 4 चम्मच 4 चम्मच पानी मिला कर भोजन के बाद लेवें !



    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।


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