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    गर्भपात के लक्षण (miscarriage ke lakshan)-


    गर्भपात के लक्षण (miscarriage ke lakshan)-


    माँ बनना प्रत्येक महिला के लिए सम्मान की बात होती है !! माँ बनने के बाद एक औरत सम्पूर्ण हो जाती है ! लेकिन कुछ महिलाओ को गर्भपात जेसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है !
                  कुछ महिलाओं में प्राकृतिक रूप से ही गर्भपात हो जाता है, जिसे मिसकैरेज कहते हैं। अक्सर ऐसा गर्भावस्था की प्रारंभिक अवस्था में ही हो जाता है। कई बार महिलाओं के पहचानने से पहले कि वह गर्भवती है, उनका गर्भपात हो जाता है। ज्यादातर गर्भपात, गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के अंदर हो जाते हैं। जबकि गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में गर्भपात के बहुत कम मामलें देखने को मिलते हैं। लेकिन साथ ही, एक बात ध्यान रखना भी जरूरी है कि दूसरी तिमाही में होने वाला गर्भपात, महिलाओं के लिए जान लेवा साबित भी हो सकता है।
             
    मिसकैरेज गर्भपात के लक्षण-
    रक्त स्त्रावगंभीर ऐंठनपेट में दर्दबुखारकमजोरीपीठ में दर्दब्रैस्ट का सख्त हो जानासफेद और गुलाबी रंग का डिसचार्ज नज़र आनावजन का कम होनापीरियड के संकेत होना
    गर्भावती होने के बाद, यदि किसी महिला को योनी से खून आए, पेट के‍ निचले हिस्से में बहुत दर्द हो और पेशाब करते समय यदि उसे दर्द महसूस हो रहा हो, तो यह गर्भपात के संकेत होते हैं। इसके अलावा भ्रूण की हार्टबीट और मूवमेंट में कमी आना भी मिसकैरेज का सीधा संकेत होता है।
    यदि किसी महिला को इनमे से कोई भी लक्षण नज़र आए तो उसे बिना देर किए, डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योकि गर्भपात जानलेवा भी होता है।
    मरोड़ें उठना (Cramping)
    धब्बों के साथ मरोड़ें उठना गर्भपात होने के शुरूआती लक्षणों में से एक माना जाता है .पर कुछ महिलाओं को इस बात की अनुभूति नहीं होती कि वे गर्भवती हैं, क्योंकि उनकी गर्भावस्था के हॉर्मोन (hormones) कम होने लगते हैं .उदाहरण के तौर पर वे स्तनों की नरमाहट या मतली के लक्षणों को महसूस नहीं कर पाती हैं।
    गर्भपात होने के सबसे मुख्य लक्षणों में मरोड़ें उठना, धब्बे और गर्भावस्था के लक्षणों को महसूस ना करना होता है। मरोड़ें और धब्बे पड़ने की समस्या पहली तिमाही में होती है और स्तनों के नर्म होने और मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) जैसे सामान्य लक्षणों से पहले होती है। यह 13 हफ़्तों तक ठीक हो जाती है और तब तक गर्भपात नहीं होता। ऐसे समय अपने डॉक्टर से संपर्क कर लें।
    दर्द (Pain)
    खून निकलने के साथ दर्द होना भी गर्भपात का एक लक्षण होता है। यह दर्द, पेट, कूल्हों के भाग या पीठ के निचले हिस्से में हो सकता है। यह दर्द हलके से लेकर मासिक धर्म की मरोड़ों जितना तेज़ हो सकता है। यह बताना कठिन होता है कि यह दर्द सामान्य है या नहीं, क्योंकि इस तरह के दर्द गर्भावस्था के दौरान भी काफी सामान्य होते हैं। उस समय आपके गर्भाशय के बढ़े आकार को संभालने के लिए आपका शरीर बड़ा हो जाता है।
    बच्चे की हरकतों का कम होना (Decreased activity of the baby)
    गर्भपात आमतौर पर पहली तिमाही में ही हो जाते हैं, पर बच्चे को खो देने का अहसास हर महिला को अलग अलग समय पर होता है। आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य को जांचने का यह एक तरीका है कि आप उसकी हरकतों पर ध्यान देती रहें। अगर बच्चे की हरकतों में अचानक ही कमी आए या फिर यह पूरी तरह ही बंद हो जाए तो अपने डॉक्टर से बात करें और यह जानकारी लें कि कोई और जांच ज़रूरी है या नहीं।
    महिलाओं के लिये जो गर्भावस्था के दौरान है उन्हें गर्भपात के लक्षण और चिन्हों को अवश्य जानना चाहिये। कई प्रकार के गर्भपात हैं, जिनमें से कुछ संकेत देते हैं तो कुछ नहीं देते हैं। ऐसी महिलायें जिनको इन लक्षणों का अनुभव होता है स्वास्थ्य पेशेवरों से अवश्य मिलना चाहिये।
    देखभाल जब असामान्य योनिक स्राव पाया जाय (Care when unusual vaginal discharge found)
    अलग अलग महिलाओं में गर्भपात के लक्षण अलग होते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि सभी को एक ही प्रकार के गर्भपात का अनुभव हो। इसके अतिरिक्त, यह योनिक स्राव कुछ महिलाओं के लिये गर्भापत का चिन्ह नहीं है और कुछ महिलाओं के लिये गर्भावस्था के प्रारम्भ में रक्त स्राव या असामान्य योनिक स्राव स्वस्थ और पूर्ण कालिक गर्भावस्था को देता है। जोखिम को कम करने के लिये चिकित्स्कीय परीक्षण गर्भपात या किसी अन्य स्राव के कारण का पता लगाने के लिये बेहतरीन समाधान है।
    विभिन्न प्रकार के योनिक स्राव हैं-
    बड़ी मात्रा में तरल या चिंताजनक मात्रा में हल्के गुलाबी रंग के म्युकस का स्राव, अचानक से निकलना गर्भपात का संकेत देता है।भूरे या लाल रंग के दाग गर्भपात का संकेत देते हैं। कुछ मामलों में रक्त स्राव ज्यादा हो सकता है।कोशिकाओं के गुल्म की उपस्थिति स्राव में जो मोटा, थक्केदार रक्त या हल्के गुलाबी या ग्रे पदार्थ गर्भपात का संकेत देता है।
    पीठ या पेड़ू में महत्वपूर्ण शारीरिक, केन्द्रित दर्द पर ध्यान देना (Give attention to significant physical, localized pain in the back or abdomen)
    कभी कभी मासिक धर्म के दौरान महिलाओं द्वारा गम्भीर दर्द अनुभव होता है। अगर आपको निचले पेड़ू में तेज़ दर्द होता है तो देखभाल आवश्यक है यह इस बात का संकेत है कि भ्रूण निकलने वाला है। कुछ मामलों में ये संकेत सांस लेने में तकलीफ देते हैं जो गर्भपात के सकारात्मक संकेत हैं।
    संकुचन दर्द के बीच के समय पर ध्यान दें (Notice the time between painful contractions – pregnancy me hone wali problem)
    संकुचन दर्द बच्चे के दर्द के पूर्व देखा जाता है और वह बहुत दर्द देता है और प्राय: लगभग 5 से 20 मिनट पर करता है। लेकिन जब यह दर्द गर्भावस्था के दौरान होता है तो यह गर्भपात का संकेत है। कुछ मामलों में अपरिपक्व दर्द अस्पताल पर रोका जा सकता है और गर्भावस्था को बनाये रखा जा सकता है।
    सावधान रहें अगर गर्भावस्था के लक्षण में कमी हो (Be aware if there is a reduction in the symptoms of pregnancy)
    गर्भावस्था के लक्षण में कमी या के गायब होने का संकेत जैसे वजन में कमी, संकेत दे सकता है कि गर्भावस्था गर्भपात में बदल रहा है और उचित रीति से सूचित किया जाना चाहिये।


    अगर आप भी गर्भपात की समस्या से परेशान है तो चिंता की कोई आवश्यकता नही !आयुर्वेद में इसका इलाज संभव है !जो आप को बार बार होने वाले गर्भपात से छुटकारा दिलाने में कारगर है !उन दवाइयों का सेवन कर आप बार बार होने वाले गर्भपात से छुटकारा पा सकती है और माँ बनने का आनंद ले सकती है !


    Not-
               किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।

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